गोल्डी खान /धमतरी शहर के भीतर बाँसपारा वार्ड से एक दिलचस्प खबर निकल कर सामने आई है जहां एक पेड़ में लोगो ने घड़ी लगा दी है और उस जगह को अब मोहल्ले वाले घड़ी चौक मान रहे है खासबात ऐसा इस वार्ड में दिवाली के पहले से हुआ है जो कि अब तक बरकरार है यानी इस दौरान इतने महीनों में घड़ी का सेल वगैरह भी खराब हुआ होगा तो लोग उसमें सेल वगैरह भी डाल रहे है और उसकी नियमित देखरेख भी कर रहे है तभी तो आज तक वह घड़ी उसी जगह में सार्वजनिक और खुले में लटकी हुई है जिसका टाइम भी लोग बराबर देखते है रात दिन सुबह शाम उसे देखकर लोग काम में आना जाना समेत अन्य काम करते है यह भी इस वार्ड की खास वजह है कि इस वार्ड में अधिकांश लोगों के पास महंगे फोन नहीं है तो उन्होंने समय देखने के लिए इस घड़ी को सहेज के रखा हुआ है दूसरी ओर अब नगर के वास्तविक घड़ी चौक की बात करें तो यहां लाखों रुपए की लागत से नगर घड़ी बना तो दी गई जो कि मकई चौक के पास स्थित है मगर उसका कांटा नहीं मालूम कितने महीनों और साल से एक ही जगह पर अटका हुआ है जिसकी तरफ न निगम का ध्यान है और न ही किसी जनप्रतिनिधि का जबकी इसे लेकर राजनीति भी खूब होती रही किसी ने कहा रुका हुआ समय ठीक नहीं होता इसे तोड़ दिया जाए तो बहुत से लोग इसके विरोध में भी आगे आए और नगर घड़ी को नगर की पहचान बताया लेकिन उसके बाद भी फिलहाल इधर कुछ भी नहीं हुआ उसकी स्थिति आज भी सबके सामने है जबकी शहर की अधिकांश पब्लिक का यह मानना है कि राजनीति से दूर जब इतनी महंगी घड़ी नगर में लगी हुई है जो नगर की पहचान भी है तो आम जनता के हित के लिए इसे साफ सफाई कर चालू ही करवा देना चाहिए जिसमें दिक्कत क्या है ? अब तो इस मुद्दे पर कुछ लोग निगम और निगम के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को लेकर आंदोलन प्रदर्शन की भी तैयारी में है जो चाहते है कि यह भी नगर की एक धरोहर ही है जिसकी इस कदर बेकद्री की जा रही है बहरहाल मगर इस तरह घड़ी के मुद्दे पर बाँसपारा के लोगो ने एक बहुत अच्छा संदेश लोगो को दिया है कि यदि किसी भी चीज की कदर करोगे तो उससे आपको फायदा ही होगा जिस तरह वह पेड़ पर लटकी हुई मामूली घड़ी उनका सहयोग कर रही है मगर इधर लाखों की घड़ी को निगम और उसके जनप्रतिनिधियों ने इस तरह नजर अंदाज कर दिया है मानो उसमें जनता की कमाई लगी ही न हो