गोल्डी खान/धमतरी जिले की शिक्षा के मामले में क्या हालत हुई थी यह अभी लोग भूले भी नहीं है पालक जिसे लेकर अक्सर ही चिंतित रहते है फिर जिले की स्कूलों में शिक्षको की कमी के मामले भी सामने आते ही रहते है स्कूलों में तालाबंदी के साथ पालकों का सड़क में धरने पर बैठना कलेक्ट्रेट तक आकर शिक्षकों की मांग करना इसी जिले में काफी समय से हो रहा है अब जब इस स्थिति परिस्थिति में कोई शिक्षक स्कूली बच्चों के वर्तमान और भविष्य की चिंता व्यक्त कर दे तो क्या उसकी नौकरी पर बात आ जायेगी यह बड़ा सवाल है ? मगर विडंबना यह है कि यह घटना भी इसी जिले में हुई है जिसमें एक शिक्षक को स्कूली बच्चों के भविष्य की चिंता करना भारी पड़ गया जिसकी वजह से ही उनकी नौकरी खतरे में आ गई और उनको निलंबित कर दिया गया अब आपको उस शिक्षक की गलती बताते है जिसकी सज़ा उन्हें मिली है। दरअसल ज्ञात हो कि पिछली 2 और 4 अक्टूबर को जिले में राज्योत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया इसी दौरान कुरूद ब्लॉक के ग्राम नारी की एक स्कूल के शिक्षक ने अपने मोबाइल स्टेट्स पर यह दर्शा कर उल्लेखित कर दिया कि स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था ठप्प पड़ी है स्कूलों में बच्चों के लिए किताबें नहीं है तो क्या हम राज्योत्सव मनाने के लायक है उन्होंने अपने स्टेट्स में जिले के छोटे बड़े अफसरों और नेता मंत्रियों पर भी टिप्पणी की साथ ही व्यवस्था में सुधार की बात भी कह दी जिसके बाद उन पर यह एक्शन हुआ है और उन्हें निलंबित कर दिया गया बहरहाल शिक्षक पर जो कार्रवाई हुई वह सही है या गलत यह तो स्पष्ट नहीं मगर उन्होंने स्कूली बच्चों के वर्तमान और भविष्य को लेकर जो चिंता व्यक्त की है वह तो लगभग सभी को उचित ही लग रही है क्योंकि जब स्कूलों में किताबें ही नहीं रहेगी तो बच्चे पढ़ेंगे कैसे ? फिर धमतरी जिले का रिजल्ट तो सभी को पता ही है जो कैसा आया था और यहां के स्कूलो की स्थिति परिस्थिति भी कैसी है यह भी किसी से छिपी नहीं है जहां स्कूलों में तालाबंदी तो आम बात है जहां बच्चे पढ़ना चाहते है पालक पढ़ाना चाहते है मगर स्कूलों में ठीकठाक शिक्षक नहीं है और कोई शिक्षक बच्चों के वर्तमान और भविष्य को लेकर व्यथा बता दें तो उस पर निलंबन की गाज गिर जाती है