गोल्डी खान/धमतरी जिले की शांत तस्वीर में चाकूबाजी और हत्या का गहरा दाग लगा हुआ है और यह सिलसिला काफी दिनों से जिले में जारी है जिसकी चपेट में न जाने कितने घरों के चिराग बुझ गए इस अपराध की तेज आंधी ने इस दिवाली भी दो घरों के चिराग को बुझा दिया और उनके घर में मातम का अंधेरा फैला दिया है आगे भी न जाने कब तक यह सिलसिला जारी रहेगा नहीं पता मगर इन मामलों के सामने आने के बाद पुलिस हमेशा की तरह कागजी कार्रवाई करेगी फिर देर सवेर दोषियों को पकड़ेगी उसके बाद उन्हें जेल भेज देगी मगर अफसोस की बात तो यह है कि जिसने चाकू की नोंक पर दम तोड़ा है वह वापस नहीं आयेगा जीवन भर वह अपने परिवार के लिए एक याद बन जायेगा आपको बता दें कि काफी समय से जिले में इस खौफ का साया मंडरा रहा है मगर विडंबना है कि इसे लेकर कोई कारगर पहल अब तक नहीं की गई जिसमे किसी के घर का चिराग बुझने से बच जाए हालांकि पुलिस नियम के तहत अपराधियों को सजा जरूर दिला रही है मगर इस तरह बढ़ते जानलेवा अपराध की रोकथाम किसकी जवाबदारी है यह बड़ा सवाल है जो हर दिन की ऐसी घटनाओं के बाद सामने आता है पुलिस केवल एफ आई आर और आरोपियों को पकड़ने तक ही सीमित रह गई है या उसका और भी कोई दायित्व है यह आम पब्लिक का सवाल है क्योंकि जनसुरक्षा की जवाबदारी तो पुलिस की है और यहां जनसुरक्षा का हाल कैसा है
यह अपने आप में एक सवाल है ? बहरहाल आपको बता दें कि शनिवार को केरेगांव थाना क्षेत्र के ग्राम माकर दोना में एक युवक की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई थी वहीं चार दिन पहले कुरूद के ग्राम करगा में एक युवक की निर्मम हत्या हुई थी दोनों ही घटनाओं के आरोपी फिलहाल पुलिस पकड़ से बाहर है