गोल्डी खान/धमतरी व्यवस्था को ठीकठाक करने के लिहाज से निरीक्षण दल बनाया गया था जो कि देर से दफ्तर आने वाले अफसरों कर्मचारियों की निगरानी को लेकर था किंतु दीपावली के दौरान यह मसला विपरीत ही नजर आया दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा हालांकि जरूरतमंद फरियादी दफ्तर तक पहुंचते रहे मगर उन्हें मायूसी हाथ लगी ज्ञात हो कि अफसरों की लेटलतिफी तो हमेशा ही जगजाहिर रहती है जिसकी रोकथाम उतनी आसान भी नहीं है चाहे फरमान किसी का भी हो दिवाली के दौरान यह नजारा कलेक्ट्रेट दफ्तरों और जिला पंचायत समेत अन्य दफ्तरों से सामने आया जहां सन्नाटा पसरा हुआ था हालांकि पर्व को लेकर अफसरों कर्मचारियों को छुट्टी मिली भी थी मगर छुट्टी के बाद भी दफ्तर सुने रहे और फरियादी अफसरों को ढूंढते रहे जहां निरीक्षण दल भी किसी को कोई नजर नहीं आया ऐसा फरियादियों का कहना था दूसरी ओर इस मामले में अब यह भी कहां जा रहा है कि शायद अब व्यवस्था में सुधार होगा अब शायद अफसर और कर्मचारी समय पर दफ्तर लौट आए क्योंकि अब त्यौहार संपन्न हो गए है