गोल्डी खान /धमतरी की राजनीति में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं को एक सामान बताया जा रहा है जिनके नाम बड़े और दर्शन छोटे है जिन्हें लेकर पार्टी के अंदर से ही भारी नाराजगी बाहर आती है ज्ञात हो कि पिछले 5 वर्षों में प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता थी उस समय धमतरी के कांग्रेस के कुछ नेताओं का यहां अच्छा खासा जलवा था मतलब उनका रौब देखते ही बनता था मतलब उनका रुतबा भले ही आम पब्लिक के लिए ठीक न हो मगर अपने रवैए में वो शानदार थे जिसका परिणाम फिर लोकसभा विधानसभा के साथ निकाय चुनाव में भी सामने आया जिसे भीतर की नाराजगी से ही जोड़ा जा रहा था ये अलग बात है कि धमतरी में कांग्रेस के विधायक ने बाजी मार ली थी मगर उनकी जीत के स्कोर में कुछ ज्यादा अंतर नहीं था यह भी सभी जानते है फिर कांग्रेस के समय भी कांग्रेस के नेता कार्यकर्ताओं की नाराजगी और गुस्सा भी फूटते हुए लोगो ने राजीव भवन के अलावा अन्य बैठकों में देखा था बहरहाल भाजपा की बात करे तो यहां के भी कुछ नेताओं का अलग ही जलवा है जिन्हें लेकर लोगो का यही कहना है कि हर दिन धमतरी के बहुत से भाजपा नेताओं की फोटो वीडियो टीवी चैनलों और अखबारों में बेहतर संदेश लेकर आती है मगर जब धरातल की ओर नजर जाती है तो सबकुछ वैसा का वैसा ही नजर आता है
यहां भी नेताओं के रुतबे में कोई कमी नहीं है भले ही आम जनता को चारों ओर कमी नजर आती हो जिसकी ही नाराजगी का एक परिणाम कल यानी मंगलवार को सामने आया जब भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता भाजपा दफ्तर अपना इस्तीफा लेकर पहुंच गए थे और अपना इस्तीफा भाजपा दफ्तर के दरवाजे की दीवार में ही चस्पा कर लौट गए जिससे उनकी भारी नाराजगी का पता चलता है इसके अलावा उनके जहन में चल रही बातों के सवाल भी थे जो कहते सुने गए की हमारी नाराजगी यहां के बड़े नेताओं से है जो हमारी ही समस्या नहीं सुन रहे बहरहाल अब इस मामले में आगे क्या होता है यह तो आगे ही पता चलेगा मगर नेताओं से उनके ही कार्यकर्ता नाराज है यह तो जगजाहिर हो ही गया