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जिले के कुछ जिम्मेदारों को अपने क्षेत्र की जानकारी नहीं.....क्षेत्र में क्या हुआ है क्या चल रहा वो भी वो नहीं जानते.....पूछने पर कहते है हमसे नहीं हमसे छोटे जिम्मेदार से बात करो.....सुशासन में अफसरों का ऐसा रौब क्या ? उचित है चर्चा व्याप्त....

गोल्डी खान-धमतरी एक तरफ सुशासन की सरकार का नाम दिया जा रहा अमृत काल की दुहाई दी जा रही है वहीं दूसरी तरफ धमतरी की व्यवस्था ठीक इसके विपरीत दिखाई देती है जो कि कुछ अफसरों के अजीब व्यवहार को लेकर है जिन्हें अपने ही क्षेत्र की ठीकठाक जानकारी नहीं होती उनके क्षेत्र  में क्या हुआ है क्या चल रहा है इसकी भी उन्हें खबर नहीं होती कोई कुछ पूछ ले तो हमसे नहीं हमसे छोटे से बात करो कह कर बात टाल दी जाती है फिर चाहे वह बात क्षेत्र और क्षेत्र वासियों के लिए कितनी ही जरूरी क्यों न हो जबकि इसमें उन्हें कोई खास मेहनत नहीं करनी होती केवल अपने हाथ में रखे हुए फोन के बटन  को दबाना होता है इतना करना भी अब उनको मुश्किल लगता है तो फिर क्या ही किया जा सकता यह सवाल आम पब्लिक अब करने लगी है ज्ञात हो कि धमतरी जिले का हाल किसी से छिपा नहीं है जिसका नाम अब पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में भी लिया जा रहा है जिसकी सबसे बड़ी और खास वजह क्राइम है मतलब धमतरी जिला क्राइम की वजह से देश में नाम कमा रहा है ऐसा आसानी से कहा जा सकता है अब यहां के जिम्मेदारों की बात करे तो यहां आने वाले अधिकांश जिम्मेदार यहां की व्यवस्था में सुधार का प्रयास कर रहे है मगर यहां कुछ ऐसे भी जिम्मेदार जमे हुए है जिनका पहले तो व्यवहार ही आम जनता को लेकर ठीक नहीं है फिर उनमें रौब वाले भी सारे गुण है जो सेवा भाव से दूर ही नजर आते है जबकि जिम्मेदारों को पहले तो सेवा सुशासन और सुरक्षा की भावना को मजबूत करने के लिए कहा जाता है फिर जिस हिसाब से वर्तमान में सुशासन की सरकार है तो इसमें तो आम जनता की सेवा को ज्यादा तवज्जो मिलनी चाहिए मतलब उनकी समस्या और उनके साथ होने वाले हादसों की रोकथाम को ज्यादा तवज्जो दी जानी चाहिए फिर इसके बाद भी यदि कुछ हो जाए तो उन मामलों में जिम्मेदारों की कम से कम सक्रियता तो नजर आनी  ही चाहिए मगर यहां फिलहाल ऐसी बात तो नहीं है ये आम जनता भी कहती है जिसे पब्लिक देख भी रही है और समझ भी रही है क्योंकि पिछले कुछ समय से जिले में वो सब हो गया है जो अब तक यहां नहीं हुआ था और आगे भी इस तरह की घटनाओं की रोकथाम को लेकर कोई ठोस तैयारी भी अब नजर नही आती उस पर कुछ जिम्मेदारों का अनभिज्ञता वाला व्यवहार और हम से नहीं हमसे छोटे से बात करो बोल कर बात टाल जाना ऐसा व्यवहार क्या सुशासन में आम जनता के लिए बेहतर है यह सवाल अब  लोग करने लगे है और राज्य सरकार की ओर उम्मीदों भरी नजर से निहारने लगे है क्योंकि सरकार ही ऐसे जिम्मेदारों का झुकाव पब्लिक की सेवा की ओर कर सकती है ऐसा धमतरी की आम जनता का विश्वास है
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