गोल्डी खान/धमतरी घड़ी चौक की सुंदरता पहले मन मोह लेती थी अब इसकी सुंदरता से कुछ लोगो को दिक्कत होने लगी है यही वजह है कि इसे हटाने को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है जिसमे कुछ लोग इसे हटाने के पक्ष में है तो कुछ इसे हटाना आवश्यक नहीं मान रहे है ज्ञात हो कि दरअसल बात करीब 20 साल पुरानी है जब पूर्व निगम अध्यक्ष ताराचंद हिंदुजा के कार्यकाल के समय मकई चौक में विशाल घड़ी लगाई गई थी जिसे लगाने अच्छी खासी राशि भी खर्च की गई थी और इसे शहर सुंदरता के मकसद से यहां लगाया गया था जिसका मकसद भी फिर धीरे धीरे पूरा भी हुआ और फिर यह चौक घड़ी चौक ही कहलाने लगा बल्कि अब यह चौक घड़ी चौक के नाम से ही ज्यादा जाना जाता है और इस चौक की खास बात यह भी है कि धमतरी शहर के बारे में यदि कुछ दर्शाना दिखाना है तो घड़ी चौक को ही दिखाकर दर्शाया जाता है बहरहाल इन दिनों इससे दिक्कत और तकलीफ की बाते चर्चा में है जिसे लेकर कुछ लोग यातायात व्यवस्था ठीक नहीं होने का हवाला दे रहे तो कुछ लोग घड़ी हमेशा बंद रहना उचित नहीं मान रहे है दूसरी ओर निगम मेयर रामू रोहरा भी इस घड़ी को यहां से हटाने के बारे में रायशुमारी कर रहे है जबकि आपको बताते चले कि जब इस घड़ी को लगाया गया था तो समूचे शहर के लोगो का सहयोग निगम को मिला था जो खुशी खुशी इसे यहां लगाने के पक्ष में थे किंतु अब जब इसे हटाने की बात हो रही है तो कुछ इसे हटाना चाहते है तो कुछ इसके पक्ष में नहीं है जिनका कहना है कि घड़ी अपनी जगह ठीक है उसे हटाना मतलब लाखों रुपए नुकसान करना है उसे हटाने से बेहतर घड़ी को सुधार दिया जाए,एक बार जो चीज बन गई है उसे क्यों तोड़ना , कुछ लोग इस मामले में यह भी कह रहे कि घड़ी चौक के पास जाम नहीं होता बल्कि देखा जाए तो बालक चौक के पास ही ज्यादा जाम होता है घड़ी चौक के पास तो सड़के चौड़ी है यहां जाम कम ही होता है फिर घड़ी के पीछे बैठ कर कुछ परिवार अपना व्यापार भी कर लेते है घड़ी टूट जाने और पूरी तरह सड़क बन जाने से उनके व्यवसाय व्यापार पर भी दिक्कत आ सकती है घड़ी को हटाने संबंधी मामले को लेकर शहर के सभी नागरिकों की राय लेनी चाहिए क्योंकि उसे हटाने के पक्ष में सब लोग नहीं है ऐसा भी लोग कहने लगे है