गोल्डी खान/धमतरी चांवल की कालाबाजारी में रोकथाम तो दूर की बात बल्कि यह अवैध धंधा अब और भी ज्यादा तेजी से बढ़ता जा रहा है जिसके हर इलाके में अलग अलग कालाबाजारी मौजूद है फिर भी विभाग खाद्य अनभिज्ञ बना हुआ है जबकि नियमानुसार कार्रवाई की जाए तो इस अवैध खेल में शामिल कालाबाजारियो को आसानी से पकड़ा जा सकता है मगर विडंबना है कि किसी भी क्षेत्र से कोई कालाबाजारी के पकड़े जाने की खबर नहीं आती है ज्ञात हो कि पीडीएस चांवल वैसे तो गरीबों को दिया जाता है मगर इसकी कालाबाजारी कर कुछ गरीब अमीर बनने के चक्कर में है बल्कि उनकी अच्छी खासी आय भी इस अवैध खेल में हो रही है फिर मजे की बात यह है कि यह खेल धमतरी में काफी दिनों से चला आ रहा है यही वजह है कि इधर ठीकठाक ध्यान नहीं देने से इस अवैध खेल में तेजी आ गई है और शहर के लगभग सभी इलाकों में इसके अलग अलग कालाबाजारी मौजूद हो गए है जो कि सस्ते में खरीद कर महंगे में इसकी बिक्री करते है जिसमे कुछ राइस मिलो की भी इस मामले में भूमिका संदिग्ध है अलावा खाद्य विभाग भी इस मामले में कार्रवाई पर रुचि लेता नजर नहीं आ रहा है जिससे बहुत से सवाल भी जन्म ले रहे है
गोदामों में डंप है चांवल
चांवल के इस खेल में यह भी चौकाने वाली बात सामने आती है कि चांवल के कुछ अवैध कालाबाजारी इसे अपने गोदाम में डंप करके भी रखते है बल्कि रखे हुए है जिसे फिर बाद में बेचा जाता है यह माल कुछ राइस मिलो तक पहुंचाया जाता है