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जिले में तबादला हुआ शुरू कुछ और अफसरों के बदलने चाहिए.....प्रभार केवल थानेदारों के ट्रांसफर से क्या आ जायेगी व्यवस्था में कसावट.....क्योंकि जिले की बेहतरी से जुड़ा हुआ है मामला चर्चा व्याप्त....

गोल्डी खान/धमतरी जिले में पुलिस अब कसावट के मूड में है जिसकी वजह जिले की बिगड़ी हुई व्यवस्था को ठीकठाक करना है यही वजह है कि कल आधा दर्जन थानेदारों को इधर से उधर किया गया है हालांकि इस फेरबदल में कुछ बेहतर प्रदर्शन करने वाले अफसर भी प्रभावित हो गए जिन्हें ठीकठाक जगह व्यवस्थित किए जाने की चर्चा को जहां बल मिल रहा है वहीं थानेदारों के अलावा उनसे भी बड़े अफसरों के प्रभार में भी बदलाव की चर्चा होने लगी है कि  उनके प्रभार को भी बदला जाना चाहिए केवल थानेदारों को बदलने से क्या होगा ? दरअसल आपको बता दें कि जिले की स्थिति तो फिलहाल किसी से छिपी नहीं है जहां बड़े से बड़ा अपराध  भी अब छोटा लगने लगा है और इसकी रफ्तार भी थमने की बजाए बढ़ती ही जा रही है चूंकि यह हाल समूचे जिले का है तो इस व्यवस्था में सुधार और परफॉर्मेंस का हवाला देकर कल 6 थानेदारों समेत कुछ अन्य पुलिस अफसरों को इधर से उधर किया गया हालांकि पुलिस विभाग में फेरबदल एक प्रक्रिया है और थानेदारों के ट्रांसफर तो अक्सर ही होते ही रहते है उन्हें यहां नहीं तो वहां काम तो करना ही है मगर उनसे भी जो बड़े कुछ अफसर है उनके प्रभार में बहुत कम बदलाव होता है जबकि पुलिस विभाग में आदेश और निर्देश से ज्यादातर काम होते है मतलब थाना प्रभारी ही हर फैसला लेने में सक्षम नहीं होता अपने से बड़े अफसरों के बगैर संज्ञान में डाले हर मामलों को  सुलझा पाना उनके लिए भी मुश्किल होता है  तो जो उनके ऊपर के भी अफसर है उनके भी प्रभार में बदलाव किया जाना चाहिए ऐसी भी अब चर्चा हो रही है दरअसल यह चर्चा इसलिए भी हो रही कि जिले में कार्य के परफॉर्मेंस को देखकर बदलाव तो हो रहा है और कसावट के उद्देश्य से तबादला किया जा रहा है तो केवल थाना प्रभारियों को ही इधर से उधर करने और उनके ही परफॉर्मेंस को देखकर क्या होगा जब उनके ऊपर वही अफसर ही जमे रहेंगे तो उन बड़े अफसरों के भी परफॉर्मेंस पर एक नजर तो होनी ही चाहिए यह लोगो का सवाल है मतलब थ्री स्टार के ऊपर के भी कुछ अफसरों के प्रभार में बदलाव किया जाना चाहिए यह चर्चा भी अब होने लगी है शायद तब कहीं जाकर यह बदलाव सफल होगा या नहीं, पता चल पायेगा या फिर इसे एक प्रक्रिया की ही नजर से देखा जायेगा ऐसी भी चर्चा इस मामले में हो रही है बहरहाल आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि थानेदारों के बाद किन बड़े अफसरो के प्रभार में बदलाव होता है या फिर उसी पुराने ढर्रे की पटरी पर जिले की सेहत की गाड़ी चलती है
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