गोल्डी खान/धमतरी ढाबे के पास तीन युवकों की निर्मम हत्या के बाद जिला और पुलिस प्रशासन की नींद में थोड़ी हलचल दिखाई दी है और कुछेक जगह कार्रवाई का खुलासा हो रहा है और नशे की सामग्री वहां से पकड़े जा रही है जिसमे ढाबा और कुछ मेडिकल स्टोर शामिल है आपको बता दे कि ज्यादातर ढाबों को पेट की भूख मिटाने के नाम से जाना जाता है जहां भूखे प्यासे लोग उस जगह को ढूंढते हुए अपने परिवार के साथ भी पहुंचते है मगर चंद रुपयों की लालच में कुछ ढाबा व्यवसाय से जुड़े लोग उसे मयखाना बनाने में तुल गए है। मतलब अगर शराब दुकानो में शराब नहीं है तो वहां आसानी से शराब मिल रही है और बकायदा बैठ कर इज्जत के साथ वहां शराब परोसी भी जा रही है इस गैर कानूनी काम के लिए शहर के साथ जिले के कुछ ढाबे काफी चर्चित है उसी तरह मेडिकल स्टोर्स का भी नाम आता है जहां लोग अपने दर्द की दवा लेने जाते है मगर अब ऐसी जगहों में भी नशे की गोली बेची जा रही है यहां भी चंद पैसों की लालच छिपी है जिसके संचालकों की शायद अपनी वैध कमाई से तसल्ली नहीं हो रही है हालांकि इस तरह का कार्य बगैर मिलीभगत के नहीं हो सकता जो मिलीभगत से न जाने यहां कब से और कहां कहा हो रहा है हालांकि जिला और पुलिस प्रशासन अब इस मामले में थोड़ी फुर्ती दिखा रहे है मगर सवाल यह भी है कि प्रशाशन की यह फुर्ती कब तक बनी रहती है यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि ये तो सभी जानते है कि यहां ये सब काम कब से और कौन कौन कर रहा है तो क्या ? पुलिस और जिला प्रशाशन के अफसरों ये बात पता नहीं होगी ? ये सवाल भी बनता बहरहाल पुलिस ने आज मंगलवार को एक ढाबा संचालक को ढाबे में शराब बेचते पिलाते पकड़ा है वहीं एक मेडिकल स्टोर पर भी नशे की सामग्री बिक्री के मामले में कार्रवाई की गई है