गोल्डी खान/धमतरी खाऊंगा न खाने दूंगा जैसे पॉवरफुल कथन से निगम के कामकाज की शुरुवात हुई थी जब निगम में धूमधाम से भाजपा काबिज हुई और मेयर रामू रोहरा को निगम का मेयर चुना गया था हालांकि मेयर श्री रोहरा शहर के विकास के लिए अच्छी खासी मेहनत कर रहे है हालांकि इस दौरान उन्हें कठिनाइयों से भी होकर गुजरना पड़ रहा है इसी दौरान अब एक नया मसला निगम से बाहर निकलकर सामने आया है जो कि रिक्शा खरीदी का है मतलब शहर के वार्डो में कचरा संग्रहण के लिए इन रिक्शों का इस्तेमाल किया जायेगा मगर तकलीफ ये है कि ये रिक्शा किसी को पसंद नहीं आ रहा है पहले कांग्रेस के पार्षद इसके खिलाफ आवाज उठाए और अब भाजपा के पार्षद भी इसे लेकर आगे आ रहे है हालांकि रिक्शा घटिया है या नहीं अभी स्पष्ट नहीं हुआ है क्योंकि इस मुद्दे पर निगम के जिम्मेदार इसे ठीकठाक ही बता रहे है बस उसकी चादर और रंग निकलने समेत उसके पहिए देख कर लोगो को लग रहा है कि वह ज्यादा दिनों तक आगे साथ नहीं देंगे हालांकि ये बात सच भी है क्योंकि वार्डो से बड़ी मात्रा में रोजाना ही कचरा निकलता है तो उस कार्य के लिए यह रिक्शे उपयोग नहीं किए जा सकते ऐसा लगभग सभी का मानना भी है यही वजह है कि भाजपा पार्षद निलेश लूनिया मेघराज ठाकुर कुलेश सोनी संतोष सोनकर संजय देवांगन शैलेष रजक हेमंत बंजारे समेत अन्य भाजपा पार्षदों ने एक पत्र निगम आयुक्त को सौंपा है जिसमें रिक्शे की गुणवत्ता ठीक नहीं बताई गई है साथ ही रिक्शे का भुगतान रोकने की मांग की गई है हालांकि इस मामले में आगे क्या होता है यह तो आगे ही पता चलेगा मगर इस मामले में निगम की राजनीति अजीब मोड में आकर फंसी है जहां रिक्शे ने कांग्रेस भाजपा को एक ही स्वर बोलने के लिए मजबूर कर दिया है बहरहाल इस संबंध में पार्षद नीलेश लूनिया ने कहा है कि मामले में मेयर श्री रोहरा से भी चर्चा कर अपनी बात रखी जायेगी दूसरी ओर इस मामले में मेयर रामू रोहरा क्या रुख अपनाते है यह देखना भी दिलचस्प होगा