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हल्के में लेकर भारी बताने का पुलिस विभाग में चल रहा रिवाज....मामला वाहवाही से है जुड़ा जिसे लेकर मीडिया जगत में नाराजगी....

गोल्डी खान/धमतरी हल्के में लेकर भारी बताने का रिवाज पुलिस विभाग में चल रहा है दरअसल यह मामला वाहवाही से भी जुड़ा हुआ है जिसे लेकर खूब चर्चा भी होने लगी है साथ ही इस मामले को लेकर मीडिया जगत में नाराजगी भी है दरअसल आपको बता दें कि यहां पर पुलिस विभाग की व्यवस्था की बात की जा रही है जिसे लेकर मीडिया जगत में काफी चर्चा भी है और नाराजगी भी है जो कि शहर और जिले की कानून व्यवस्था से जुड़ा हुआ मसला है दरअसल आपको बताते चले कि शहर और जिले की स्थिति वर्तमान में कैसी है यह सभी बखूबी जान रहे है जहां अपराध का ग्राफ कितनी तेजी से ऊपर जा रहा है यह भी सभी की मानो आंखों देखी है वहीं दूसरी ओर यदि बात की जाए चोरी और लूट की तो वह भी बराबर हो रही है अब चार दिन पहले की ही चोरी की बात करते है जो नया बस स्टैंड के पास की मोबाइल दुकान में हुई थी हालांकि उससे जुड़े जो भी लोग थे उन्हें पकड़ लिया गया है मगर यह दिलचस्प बात है कि शहर में फिर से एक दुकान की छत तोड़कर चोरी हुई है जिसकी फिलहाल किसी को भनक भी नहीं लगी थी और ये मामला पुलिस और दुकानदार के बीच ही था बुधवार को जब मामले का खुलासा हुआ तब मीडिया के साथ लोगो ने भी जाना कि बस स्टैंड के पास किसी दुकान में चोरी हुई थी अब इसी तरह के अन्य मामलों को लेकर भी बात करे तो शहर के साथ जिले में वैसे तो बहुत से मामले रोज ही सामने आते है मगर इन्हें  छिपा दिया जाता है मतलब हल्के में लिया जाता है फिर जब उससे जुड़े आरोपी पकड़े जाते है तो उसे फिर भारी भरकम बता कर मीडिया के सामने पेश किया जाता है जबकि अधिकांश मामले मीडिया को पता भी रहते है और मीडिया से जुड़े लोग उन मामलों को लेकर पुलिस के अफसरों से रोजाना पूछते भी है मगर पुलिस अफसर उन बातों को आसानी से टाल जाते है यह उसी खुलासे का प्रयास रहता है जो बाद में किया जाता है इसमें एक बात और है कि रोजाना हो रही घटनाओं को यदि पुलिस रोज ही मीडिया को बता दे तो रोज ही वह खबरें मीडिया में छप जायेगी जिससे पुलिस की कार्यशैली और व्यवस्था पर भी सवाल उठेंगे शायद यही वजह है कि किसी भी मामले को पहले छिपाने का प्रयास हो रहा है फिर जब उससे जुड़े आरोपी पकड़े जाते है तो उसे बड़ा बता कर पेश किया जाता है यह   रिवाज ही इन दिनों पुलिस विभाग में चल रहा है जिसे लेकर मीडिया जगत में काफी नाराजगी भी है।

और छिपे हुए मामले

विदित हो कि जिले के थानों में बहुत से और भी मामले इसी तरह छिपे हुए है जिन पर एफआईआई भी नहीं हुई है आवेदन से काम चलाया जा रहा है जिससे जुड़े कसूरवार जब पकड़े जाएंगे तब उनका भी खुलासा धूमधाम से किया जायेगा 
ऐसी भी चर्चा हो रही है
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