गोल्डी खान/ धमतरी सरकारी उचित मूल्य की दुकान खुलते ही पीडीएस चांवल का अवैध धंधा शुरू हो जाता है क्योंकि आसपास इसके दलाल मंडराते रहते है संबंधित विभाग इससे अनभिज्ञ है और अफसर खामोश बने रहते है ज्ञात हो कि शहर में पीडीएस चांवल का खेल काफी समय से चल रहा है मगर विडंबना है कि इस मामले में अब तक एक भी बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई है हालांकि छोटी छोटी कार्रवाई कर अफसर खानापूर्ति करते है जो इसे उपलब्धि भी मानते है जबकि राशन दुकान खुलते ही इसकी खरीदी बिक्री चालू हो जाती है जिसका यह प्रमाण भी है कि राशन दुकानों के इर्द गिर्द इस तरह का काम करने वालों के दलाल मंडराते रहते है और खासबात यह भी है कि इन्हें राशन दुकानों में अच्छी खासी तवज्जो भी मिलती है जो सुबह से शाम तक वही आसपास ही देखे जाते है
बताया जा रहा है कि यह राशन दुकान आने वाले लोगों से चांवल खरीदते है फिर उसको अपने मालिक के गोदाम में भेजते है शहर में ऐसे बहुत से गोदाम भी स्थित है जिसके बाद फिर यह चांवल राइस मिलो की ओर निकल पड़ता है विदित हो कि अवैध चांवल का यह खेल शहर में काफी समय से चल रहा है मगर इस मामले में अब तक ऐसी कोई बड़ी कार्रवाई किसी बड़े पैमाने में नहीं की गई है जबकि छोटे छोटे दलाल किस्म के लोगो पर ही कार्रवाई होती है जिसकी एक वजह यह भी है कि खाद्य विभाग वहां तक पहुंच नहीं पाता या फिर पहुंचना नहीं चाहता जबकि खाद्य विभाग का अक्सर ही यह दावा रहता है कि वह लगातार राशन दुकानों का निरीक्षण करते है तो अब यह सवाल उठता है कि क्या उन्हें इस दौरान चांवल के अवैध धंधों से जुड़े लोगों के दलाल नजर नहीं आते है और जब विभाग लगातार निरीक्षण में रहता है ऐसे मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं होती है यह सवाल अब उठने लगा है साथ ही खाद्य विभाग के कुछ अफसरों को लेकर तरह तरह की चर्चा भी होने लगी है कि सब जान कर कुछ अफसर अंजान और खामोश बने हुए है हालांकि अब जिले के कलेक्टर अविनाश मिश्रा से इस तरह के मामले में बड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है साथ ही विभाग के जो लोग ऐसे मामलों में अंजान बनते है उन पर भी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है