धमतरी के मिशन ग्राउंड में फटाखा बाजार सज चुका है,इसके अलावा शहर के अंदर भी कई जगहों पर फटाके की दुकानें चल रही है, धमतरी तहसीलदार और पुलिस की संयुक्त टीम ने रविवार को पुराना बस स्टैंड के झूलेलाल फटाखा दुकान और ताहिर फटाखा वाले के दुकान और गोदाम में औचक निरीक्षण किया।
करीब एक घण्टे तक प्रशासन की टीम जाँच करती रही लेकिन सिर्फ पंचनामा ही किया गया,दुकानों में जांच के मुख्य बिंदु सुरक्षा व्यवस्था और लाइसेंस के मुताबिक बारूद के भंडारण का मिलान करना था।
जांच टीम का नेतृत्व करने वाले धमतरी तहसीलदार सूरज बंछोर ने जांच के बाद बताया कि अभी सिर्फ दो दुकानों की जांच की गई है, जिसमे सुरक्षा मानकों को देखा गया,और स्टॉक चेक किया गया,जो भी पहली नज़र में सब कुछ ठीक लगा है।तहसीलदार ने बताया कि इस तरह की जाँच अभी और भी जगहों पर की जाएगी।
अब सवाल ये उठता है कि क्या शहर के अंदर मुख्य बाजार के घनी बसाहट के बीच फाटक स्टॉक का लाइसेंस दिया जा सकता है.?? क्या लाइसेंस देने से पहले दुकान और लोकेशन का भौतिक निरीक्षण किया गया था..? अगर मैदान में लगी फटाखा दुकानों में सुरक्षा को लेकर सख्त नियमो का पालन करवाया जाता है तो, बीच बाजार में क्या ज्यादा सख्त सुरक्षा की जरूरत नही होनी चाहिए.?? अगर कोई अनहोनी हो जाती है तो नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा??
ये तमाम सवाल है जो शहर के बीच खुलेआम बिक रहे बारूद को देखने के बाद उठते है।