धमतरी के जनपद में बिना सामान्य सभा की बैठक प्रस्ताव पास किये और बिना बैठक के ही 54 लाख के कार्यों की स्वीकृति मिलने और 60 प्रतिशत राशि आने का मामला सामने आया है। इसे लेकर जनपद सदस्य में काफी नाराजगी है। जनपद सदस्यों द्वारा बहुत जल्द जनपद व कलेक्ट्रेट घेराव की योजना है।
मिली जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत में निर्वाचित जनपद सदस्यों को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए दो-दो लाख की राशि प्राप्त होती है। जानकारी के अनुसार 25 जनपद सदस्यों को राशि का आवंटन होना है। इस राशि से ही जनपद सदस्य अपने क्षेत्र के गांव में विकास कार्य करते हैं। यदि इस राशि को मिला ली जाए दी जाए तो यह राशि 54 लाख होती है। इस 54 लाख के लिए 38 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति, एस्टीमेट बनाकर भेज दिया गया है, जिसमें से 32 लाख 40 हजार की राशि आ भी चुकी है। कार्यकाल की आखिरी किश्त की राशि आने की जानकारी जनपद सदस्यों को नहीं है जब उन्हें इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसका विरोध किया। प्रशासकीय स्वीकृति के इस कार्य में तीन जनपद सदस्य के शामिल होने की सूचना है। जानकारी के अनुसार जो कार्य स्वीकृत हुए हैं उनमें चुनिंदा गांव में टीना शेड निर्माण एवं कंक्रीटीकरण कार्य डबरी रंग मंच के पास, सामुदायिक भवन निर्माण शामिल है। मालूम हो कि बिना सामान्य सभा की बैठक व जनपद सीईओ के हस्ताक्षर के कार्य आदेश एस्टीमेट जारी नहीं किया जाता लेकिन यहां 54 लाख के कार्य का एस्टीमेट प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई। ऐसे में प्रश्न उठता है कि बिना उच्च अधिकारियों की सहमति के यह कार्य कैसे हो गया। इस संबंध में जनपद पंचायत के सीईओ दीपक ठाकुर ने कहा कि बिना सामान्य सभा की बैठक के राशि जारी नहीं की जा सकती। बैठक होने के बाद ही राशि जारी की जाती है।